सिर्फ इन तरीकों से ही कंट्रोल हो सकती है आपकी डायबिटीज - How To Control Diabetes In Hindi

आज के समय में आपको ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जोकि डायबिटीज यानी की मधुमेह की समस्या से पीड़ित हैं। ये एक ऐसी बीमारी है जिसको कंट्रोल तो किया जा सकता है पर इसको पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता। लेकिन इसका कंट्रोल में रहना भी काफी जरूरी है। क्योंकि अगर शुगर कंट्रोल में नहीं रही तो ये आपके लिए घातक भी साबित हो सकता है। डायबिटीज होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। भले ही इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन हां, अगर आप नीचे बताएं गए टिप्स को अपनाते हैं तो इसे कंट्रोल में जरूर रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं How To Control Diabetes In Hindi के बारे में। इन टिप्स को अपनाकर आपकी बड़ी और घटी हुई डायबिटीज(Diabetes)  पूरी तरह से कंट्रोल में आ जाएगी।

लेकिन बेहतर होगा कि आप इन नुस्खों को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें जिससे आपको किसी भी तरह का रिस्क न रहे।



डायबिटीज क्या है और उसके कितने प्रकार है?

डायबिटीज की समस्या तब उत्पन्न होती है जब शरीर में रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज) की मात्रा अधिक हो जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बल्ड ग्लूकोज हमारी एनर्जी का मुख्य स्त्रोत माना जाता है। ये आपको भोजन के माध्यम से प्राप्त होता है।  शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का कम पहुंचना और रक्त ग्लूकोज (Blood Glucose) का स्तर बढ़ने को ही डायबिटीज कहा जाता है।
डायबिटीज के भी कई प्रकार होते हैं। ये 3 तरह के होते हैं-

टाइप 1 डायबिटीज - Type 1 Diabetes In Hindi

टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या फिर बंद हो जाता है। हालांकि टाइप 1 की बीमारी बहुत की कम लोगों में पाई जाती है। ये बेहद ही कम उम्र वाले लोगों में होती है जिनकी उम्र लगभग 12 से 25 के बीच की होती है।


टाइप 2 डायबिटीज  - Type 2 Diabetes In Hindi

टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर (Blood Sugar)  का स्तर काफी ज्यादा हो जाता है। इस परीस्थिती में शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल सही से नहीं कर पाता है।

जेस्टेशनल डायबिटीज Gestational Diabetes In Hindi


जेस्टेशनल डायबिटीज तब होती है जब गर्भवति महिला के ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। ये उन लोगों को भी हो सकता है जिन्हें पहले से डायबिटीज की समस्या न हो।  हालांकि डिलिवरी के बाद ये प्रॉब्लम खत्म भी हो जाती है। लेकिन प्रेगनेंसी के समय इसे कम करने के लिए इंसुलिन का इस्तेमाल किया जाता है।


डायबिटीज को कंट्रोल में कैसे लाएं

वॉक को न करें इग्नोर

अगर आप पहले ही शुगर की समस्या झेल रहे हैं तो आपके लिए वॉक किसी दवाई से कम नहीं है। आपको रोजाना सुबह जल्दी उठकर करीब 1000 कदम जरूर चलना चाहिए। इससे आपका वजन भी नहीं बढ़ेगा और आपकी शुगर भी कंट्रोल में रहेगी। जब आपका वजन कम रहता है तो शरीर इंसुलिन के प्रति सेंसिटिव हो जाता है जिससे की शुगर पर कंट्रोल रहता है।


खान-पान का ख्याल रखें

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जोकि कभी भी बढ़ सकती है और कभी भी घट सकती है। इसका बढ़ना और घटना दोनों ही खतरनाक होता है। तो बेहतर यहीं होगा कि आप इसे कंट्रोल में करके चलें। इसके लिए आपको अपने खान-पान का खास ख्याल रखना होगा। ज्यादा तेल और मसाले से दूर रहे। सलाद की मात्रा ज्यादा कर दें। जितनी भूख हो उससे एक रोटी कम ही खाएं ज्यादा नहीं।
लाइफस्टाइल सुधारें

शुगर बढ़ने का एक अहम कारण आपके दिमाग में चल रही उथल-पुथल भी हो सकती है। इसलिए अगर आपकी लाइफस्टाइल सही रहेगी तो आपका दिमाग भी शांत रहेगा। इसलिए हर काम अपने वक्त पर ही करें। सुबह जल्दी उठें और रात में जल्दी सोने की कोशिश करें। मानसिक तनाव से बचने के लिए रोजाना करीब 30 मिनट के लिए योगा और मेडिटेशन जरूर करें। ये शुगर कंट्रोल करने में आपकी काफी मदद करेगा।


हर महीने जांच है जरूरी

शुगर पलभर में बढ़ भी सकती है और घट भी सकती है। तो बेहतर होगा कि आप हर महीने इसका चेकअप जरूर करवाएं। जिससे आपको पता चल सके कि आपकी शुगर कंट्रोल में है या नहीं।

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