ये 5 लक्षण बताते हैं कि आप प्रेगनेंट हैं - Symptoms Of Pregnancy
मां बनना हर महिला की जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा होता है। क्योंकि उनके साथ एक और जान जुड़ जाती है।
नौ महीने के लंबे समय तक महसूस करने के बाद मां अपने बच्चे को देख पाती है। अधिकतर लोगों का मानना है
कि जब पीरियड्स मिस हो जाते हैं वो उनके प्रेगनेंट होने के चांसेज होते हैं। हालांकि ये बात सही है पर पूरी तरीके
से नहीं। दरअसल पीरियड्स मिस होना प्रेगनेंसी के चांसेज हो सकते हैं लेकिन जरूरी नहीं हर बार ऐसा ही हो।
कभी-कभी हार्मोन प्रॉब्ल्म्स या किसी और वजहों से भी पीरियड्स मिस हो जाते हैं। तो आज हम आपको बता
रहे हैं कि आप कैसे पता कर सकती हैं कि आप प्रेगनेंट है या नहीं। हम आपको बताएंगे Symptoms Of
Pregnancy जिसको पढ़कर आप प्रेगनेंसी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें आसानी से जान सकेंगी।
गर्भधारण के कितने दिनों बाद नजर आते हैं प्रेगनेंसी के लक्षण-
प्रेगनेंसी के लक्षण महसूस होना सभी के लिए अलग-अलग होता है। सभी के शरीर का संचार अलग-अलग तरीके
से होता है। इसलिए ये पूरी तरह से महिला पर निर्भर करता है। प्रेगनेंसी के लक्षण आपको पहले दिन भी पता
चल सकते हैं और कई हफ्तों बाद भी पता चल सकता है।
इन लक्षणों से पहचानें कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं-
बार-बार पेशाब आने की फीलिंग
प्रेगनेंसी के दौरान पेशाब ज्यादा आती है। ये दिक्कत छठे हफ्ते से ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसा होने का कारण ये है
कि गर्भावस्था के दौरान शरीर में बन रहे हार्मोंस में बदलाव की वजह से किडनी में ब्लड सर्कुलेशन तेज होने
लगता है जिसके वजह से पेशाब ज्यादा आने लगती है। महीने दर महीने ये समस्या और भी ज्यादा बढ़ने लगती है।
मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन
प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं के स्वभाव में बदलाव नजर आने लगता है। उनका स्वभाव थोड़ा अजीब सा होने
लगता है। कभी वो अचानक से खुश हो जाती हैं तो कभी वो बेहद ही नराज। बता दें कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खून में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन की मात्रा बढ़ती है जिससे शरीर में हार्मोन का स्तर भी बढ़ जाता है। बढ़ा हुआ हार्मोन ही आपकी मनोदशा को प्रभावित करता है।
लगता है। कभी वो अचानक से खुश हो जाती हैं तो कभी वो बेहद ही नराज। बता दें कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खून में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन की मात्रा बढ़ती है जिससे शरीर में हार्मोन का स्तर भी बढ़ जाता है। बढ़ा हुआ हार्मोन ही आपकी मनोदशा को प्रभावित करता है।
थकान महसूस होना
जब भी कोई महिला प्रेगनेंट होती है तो उसे थकान और कमजोरी ज्यादा महसूस होने लगती है। क्योंकि गर्भावस्था के
दौरान महिला के शरीर से एक और जान जुड़ जाती है। इसलिए थकान और कमजोरी ज्यादा होती है।
दौरान महिला के शरीर से एक और जान जुड़ जाती है। इसलिए थकान और कमजोरी ज्यादा होती है।
कब्ज
गर्भावस्था के बाद से ही कब्ज की समस्या होने लगती है। दरअसल गर्भावस्था के बाद से ही पाचन क्रिया में बदलाव
होने लगता है जिस वजह से कब्ज जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके साथ अधिकतर महिलाओं को सीने में जलन
भी होती है।
व्हाइट डिस्चार्ज
अधिकतर महिलाओं को व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या होती है जो नॉर्मल बात है। लेकिन यहीं डिस्चार्ज प्रेगनेंसी के वक्त
भी होती है क्योंकि इस दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसकी वजह से ये डिस्चार्ज काफी ज्यादा होता है।
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