जानिए क्यों मनाते हैं हरतालिका तीज और इसे मनाने का तरीका - Importance Of Hartalika Teej
सुहागन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का महात्व काफी ज्यादा है। इस व्रत को पति की लंबी उम्र के
लिए किया जाता है। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शिव-गौरी की पूजा करती
हैं। वहीं अगर हिन्दू पंचांग की मानें तो यह व्रत हर साल भादो माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है।
महिलाएं सज-संवर कर इस दिन को काफी उल्लास के साथ मनाती हैं। कहते हैं अगर औरतें सच्चे मन से
भगवान शिव और गौरी की पूजा करती हैं तो उनके पति की उम्र लंबी होती है। वहीं अगर कुवांरी लड़कियां
भी इस व्रत को विधि-विधान से करती हैं तो उन्हें भी भगवान शिव जैसे अच्छे पति की प्राप्ति होती है।
क्यों मनाते हैं हरतालिका तीज
बहुत बार ऐसा होता है कि हम किसी चीज के बारे में जाने बिना ही उसे मनाने लगते हैं। जब की ऐसा नहीं
करना चाहिए। किसी भी त्यौहार को मनाने से पहले आप उसके बारे में अच्छे से जाने। हम आपको बता रहे
हैं कि हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है।
ऐसा कहा जाता है कि माता पार्वती शिव जी को अपने पति के रूप में देखना चाहती थी। शिव जी को पाने के
लिए पार्वती माता ने कठिन तपस्या की। लेकिन इस दौरान पार्वती माता को उनकी सहेलियों ने अगवा कर
लिया था। इसी वजह से इसका नाम हरतालिका तीज पड़ा। बता दें कि हरत का मतलब होता है अगवा और
आलिका का मतलब होता है सहेली। इन दोनों नामों को मिलाकर ही इसका नाम पड़ा हरतालिका तीज।
हरतालिका तीज को करने के नियम क्या हैं
हरतालिका व्रत को करने के भी बहुत सारे नियम हैं। अगर आप भी पहली बार इस व्रत को रखने जा रही हैं तो
आप एक बार इन नियमों को जरूर पड़ लें।
इस व्रत में आपको पूरे दिन निर्जला रहना पड़ेगा। मतलब कि आपको अगले सूर्योदय तक पानी का सेवन भी
नहीं करना है।
हरतालिका तीज को अगर एक बार आपने शुरू कर दिया तो फिर इसे छोड़ा नहीं जाता। मतलब कि आपको
हर साल इस व्रत को करना पड़ेगा।
इस दिन आप भगवान शिव और गौरी की अराधना करें और उनका भजन करें। इसके साथ ही रतजगा भी कर
सकती हैं।
आप घर में और मंदिर जाकर शिव-गौरी की पूजा कर सकती हैं।
जो भी प्रसाद आप शिव-गौरी को भोग लगाएं उसके बाद उसे सब में बांट दें।
इस व्रत को हर उम्र की महिलाएं कर सकती हैं।
कैसे करें हरतालिका पूजा की तैयारी
हरतालिका तीज में आपको शिव,पार्वती और गणेश जी की पूजा करनी है। इस दौरान आप घर में मिठाइयां
बनाएं और भगवान के लिए नए-नए पोशाक तैयार करें।
अब हरतालिका तीज के दिन आप भगवान को ये पोशाक पहनाएं और मंदिर सजाएं।
आप चाहें तो घर में भी बालु-मिट्टी या फिर काली मिट्टी से भगवान शिव-गौरी और गणेश की मूर्ति तैयार करके
उनकी पूजा कर सकती हैं। अब भगवान को फुल से सजाएं और भगवान की आरती गाएं। आरती के बाद
भगवान को भोग लगाएं ।
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