जानिए नवरात्रि के 9 अलग-अलग दिनों में मां गौरी के किन रूपों को पूजा जाता है - How To Celebrate Navratri
इस बार नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक है। मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों को 9 दिन तक पूजा जाता है। बंगाल में सबसे ज्यादा नवरात्र का उत्सव मनाया जाता है। हम आपको बता रहे हैं नवरात्रि के अलग-अलग 9 दिनों के महत्व के बारे में। जानिए नवरात्रि के 9 दिनों में दुर्गा मां के किन-किन रूपों को पूजा जाता है। तो क्या आप तैयार हैं नवरात्रि से जुड़ी सभी जानकारियां के बारे में जानने के लिए
पहला दिन
नवरात्रि के पहवे दिन में मां शैलपुत्री की पूजा -अर्चना की जाती है। बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि मां शैलपुत्री चंद्रमा
को धारण करती हैं।माना जाता है कि जो भी मां शैलपुत्री की पूजा करता है उसका जातक की कुंडली में चंद्र दोष ठीक
होता है।
दूसरा दिन
नवरात्रि के दूसरे दिन में मां ब्रहम्माचारिणी की पूजा की जाती है। दुर्गा मां का यह रूप मंगल गृह का स्वामी माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि जो भी मां ब्रहम्माचारिणी की पूजा करता है उसकी कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
तीसरा दिन
नवरात्रि के तीसरे दिन में मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।मां चंद्रघंटा को शुक्र गृह की देवी माना जातै है जिसकी पूजा
करने से जातकों की जन्मपत्री में शुक्र दोष खत्म हो जाता है। ये आपकी घर में सुख-समृद्धि भी लाती हैं।
चौथा दिन
नवरात्रि का चौथा दिन काफी खास माना जाता है क्योंकि इस दिन दुर्गा मां के रूप कूष्मांडा की पूजा की जाती है। ऐसा
कहा जाता है कि मां कूष्मांडा जातकों की कुंडली में सूर्य सम्बंधित दोषों को समाप्त करती हैं जिससे जीवन खुशहाल
बितता है।
पांचवा दिन
पांचवे दिन में मां संकदमाता की पूजा अर्जना की जाती है। इन्हें बुध ग्रह की देवी माना जाता है। तो अगर आप पर भी बुध
भारी है तो मां संकदमाता की पूजा अर्चना जरूर करें। इससे आपके बुध ग्रह की स्थिति मजबूत बनी रहती है। आपका
सभी काम बिना किसी संकट के आसानी से पूरा होता जाता है।
छठा दिन
नवरात्रि के छठे दिन में मां कात्यायनी की पूजा -अर्चना की जाती है। दुर्गा मां के इस रूप को बृहस्पति ग्रह की स्वामिनी
माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह से संबंधित दोष है उन्हें मां कात्यायनी की पूजा जरूर करनी चाहिए।
सातवां दिन
इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। अगर आपके गृह में शनि का दोष है तो मां कालरात्रि की पूजा अर्चना करने से
आपका ये दोष खत्म हो जाएगा।
आठवां दिन
नवरात्रि का आठवां दिन बेहद ही खास होता है क्योंकि इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। बता दें कि मां महागौरी
को राहू की स्वामिनी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के आठवें दिन में जो भी मां महागौरी की पूजा करता है
उसकी जन्मपत्री का राह दोष खत्म हो जाता है।
नौवां दिन
नवरात्रि के आखिरी यानी की नौवां दिन मां गौरी के रूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां गौरी के इस रूप को केतु
ग्रह की स्वामिनी माना जाता है। जो भी भक्त इनकी पूजा अर्चना करते हैं उनके जीवन में कभी भी केतु का दोष नहीं होता
है।
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