क्या आपको पता है क्यों और कैसे मनाते हैं दशहरा - Dussehra Wishes And Quotes
8 अक्टूबर 2019 को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। बुराई पर जीत की खुशी के रूप में मनाया जाने वाला ये पर्व विजय
दशमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं अगर पंचाग की मानें तो अश्विन माह के दसवें दिन शुक्ल पक्ष में दशहरा मनाया
जाता है। बता दें कि दशहरा नाम की उत्पत्ति दश-हर के नाम से हुई है। इस शब्द का अर्थ है बुराइयों से आजादी पाना।
इस दिन लोग एक दूसरे को गले लगकर दशहरा की बधाईयां देते हैं और खुशी मनाते हैं। हम आज आपको बता रहे हैं
दशहरा से जुड़ी कुछ जानकारी के बारे में जिनका जानना आपके लिए काफी जरूरी है।
क्यों मनाते हैं दशहरा का पर्व
दशहरा पर्व हिन्दु का एक प्रमुख त्यौहार है जिसको काफी हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन रावण का पुतला
बनाकर उसका वध किया जाता है और बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। हर पर्व के पीछे-पीछे कोई न कोई कहानी
जरूर छिपी होती है। ठीक ऐसे ही दशहरा के पीछे भी कहानी है। बता दें कि भगवान राम ने रावण का वध किया था।
दरअसल रावण ने सीता को कैद किया था। सीता को रावण की कैद से बचाने के लिए राम ने रावण का वधक किया था।
वहीं मां दुर्गा ने 9 रात और दस दिन के युद्ध में महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के
रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि रावण और राम का युद्ध नवरात्र में हुआ था और रावण की मृत्यु दशमी को
हुआ था। इसी वजह से हर साल विजयदशमी के दिन रावण का पुतला बनाकर जलाया जाता है। इस दिन ही भगवान
राम 14 वर्ष का वनवास काटकर और रावण का वध करके सीता, लक्ष्मण के साथ अयोध्या पहुंचे थे।
कैसे मनाते हैं दशहरा का पर्व
हर जगह पर अलग-अलग तरीकों से दशहरा का पर्व मनाया जाता है। दशहरे के दिन भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी के
साथ-साथ शत्रुघ्न जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घर में गाय के गोबर से चार पिण्ड बनाते हैं गोल आकार में।
अब गोबर से बने इस गोलों में चार बर्तनों में भीगा हुआ धान और चांदी रखकर उसे किसी कपड़े से ढ़क दिया जाता है।
इसके बाद इसकी पूजा और धूप-अगरबत्ती से पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद ब्राहम्णों को भोजन कराया जाता है।
कहा जाता है कि जो भी दशहरा के दिन ऐसा करता है वह मनुष्य पूरे साल खुश रहता है।
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